कल पढूंगा , हर क्षात्र यानि student यही सोचता है जब exam आने वाले होते हैं . जैसे school में notice कर दिया कि एक महीने बाद exam होनी है . तो student सोचता है कि अभी तो बहुत time है कल से सुरु करूँगा और कल आने पर सोचता है कि आज दोपहर से सुरु करूँगा और दोपहर आने पर वो सोचता है कि आज रात से सुरु करूँगा , रात को आराम से study करूँगा . फिर रात को सोचता है कि आज cartoon देख लेता हूँ , match देख लेता हूँ , movie देख लेता हूँ फिर उसके बाद आराम से पढूंगा . फिर वो सोचता है - ' अरे यार आज तो बहुत ही अच्ची movie आई है , पहले movie देख लेता हूँ फिर आराम से पढूंगा . फिर वो सोचता है कि आज तो मैं थक गया , सुबह का alarm लगा लेता हूँ और सुबह जल्दी उठ जाऊंगा और पक्का पढाई करूँगा . और सुबह होने पर वो alarm घड़ी को बंद कर देता है और सोचता है आज अच्छी नीदं आ रही है , आज सो जाता हूँ , school के आने के बाद आराम से पढूंगा और school के आने के बाद सोचता है कि पहले खाना खा लेता हूँ फिर आराम से पढूंगा .
खाने खाने के बाद वो सोचता है अरे अभी तो खाना खाया है अभी नहीं पढना चाहिए , थोड़ी देर rest कर लेता हूँ , खाने अच्छी तरह से digest हो जाएगा तब पढूंगा . साम होने पर सोचता है अभी तो friends आगये थोड़ी देर इनके साथ खलते हूँ फिर पढूंगा . फिर जब वो खेलने के बाद घर आता है तो Tv में अच्छी अच्छी movie आयी होती है , cartoon आए होते है , songs आई होती है .. तब वो सोचता है कि थोड़ी देर देख लेता हूँ फिर relax होक पढूंगा . Overall कहने का मतलब है कि students की life में यही चलता रहता है कि काल पढूंगा और कल फिर और एक बहाना तैयार रहता है .
हर student यही करता है , कल पढूंगा , कल से ये सुरु करूँगा , कल ये करना है . पर सच्चाई ये है कि सुरुवात नहीं हो पाती . तो इस तरह की situation हर student अपनी student life में face करता है .
आपके ये जान कर ख़ुशी होगी कि इसका solution है . आप इस situation से बहार निकाल सकते है . आप जब चाहे तब से पढ़ सकते हैं . आप अपनी पढाई की सुरुवात कल से कर सकते हैं . आप जब चाहे , आपने जो time set किया है तब से पढ़ सकते हैं . लेकिन आपको थोड़ी उन चीजों का ध्यान रखना होगा जो मैं आपको बताऊंगा . इस situation से बहार निकलने का सबसे अच्छा solution है , जो की सबसे simple भी है , वो है - ' आप खुद '
आप खुद इस situation से बहार निकाल सकते है . आप अपने आपके लिए एक alarm घड़ी की तरह काम करते हैं . अगर आपने किसी काम के लिए कोई time fixed कर दिया तो उस time आपको click होगा कि इस वक़्त आपको वो काम करना है . For example- आपने सुबह decide किया कि दोपहर को school से आने के बाद में खाना खाऊंगा , फिर rest करूँगा फिर पढाई करने बैठूँगा . तो उस time पे आप कुछ भी कर रहे हो तो आपने मन में click होगा कि अभी तो मुझे पढाई सुरु करनी थी . तो उस time पे आपको बहुत ही important decision लेना है . उस वक़्त आपके पास दो रस्ते होंगे और उन दो रास्तों में से आपको एक रास्ता चुनना है . पहला रास्ता जो आपको अपनी मंजिल तक ले जा सकता है , वो है पढाई की जाए . दूसरा रास्ता जो आपको आपकी मंजिल से दूर ले जा सकता है , वो है पढाई न करने के लिए कोई और बहाना बना लिया जाए , यानि कि कोई excuse दे दिया जाए .
तो अब ये आपके हाथ में है कि उस वक़्त आपको कोण सा रास्ता चुनना है , कौन सा रास्ता आपको आपकी मंजिल तक पहुंचा सकता है और ये आप अच्छी तरह जानते हैं .
मैं आपको ये कहूँगा कि कल न तो कभी आए है न कभी आएगा . आप भी ये बात अपने life के experience से अच्छी तरह समझ गए होंगे . कल न तो कभी आया है न कभी आएगा बिना आपके सुरुवात के .
कल कभी नहीं आएगा बिना आपकी सुरुवात के . तो कल से क्यों सुरुवात करे , आज से - अभी से सुरुवात करे . मैं आपको एक और interesting बात बताना चाहता हूँ . कुछ student एक target बनाते हैं कि मुझे आज 8 घंटे पढ़ना है और आइये student घंटे calculate भी करते हैं , जैसे
7 घंटे सोने के
6 घंटे school के
3 घंटे breakfast/lunch/dinner के
2 घंटे खेलने के
2 घंटे इधर-उधर के काम के .
total होगये 20 घंटे और बाकी बचे 4 घंटे , पर उन्होंने पढ़ने का target रखा है 8 घंटे है . तो ऐसे student क्या सोचते है क्या आपको पता है ?
अरे यार क्या करेंगे ये 4 घंटे पढ़ के , पढ़ना तो 8 घंटे है .. मैं इस बात से आपको सिर्फ ये बताना चाहता हूँ कि कुछ student target fixed करते है और अगर वो अपने उस target को achieve नहीं कर पाते तोवो पुरे का पूरा target ही छोड़ देते हैं . जरुरी ये नहीं है कि आपको 8 घंटे ही पढ़ना है . अगर आपको 1 घंटा भी मिला है . या फिर 30 minute भी मिला है या फिर 1 minute भी मिला है तो आपको पढना है क्योंकि वो 1 minute भी count होगा और उस 1 minute से आपको खुद को एक believe मिलेगा , confidence मिलेगा .
अगर आपने कोई target बनाया है और आप उस target का एक छोटा सा हिस्सा ही achieve कर प् रहे हो तो ये आपके लिए बहुत बड़ी बात है . तो friends कल से नहीं बल्कि आज से सुरुवात करनी है और आज ही पढ़ना है , अभी पढ़ना है और पूरी कोसिस करनी है कि target achieve हो जाए . पर लेकिन अगर पूरा achieve नहीं कर पा रहे हैं तो उस target को छोड़ना नहीं है .
अगर आज अपने उस target का 1% हिस्सा भी complete कर पा रहे हो तो उसे कल पर मत टालो और वो 1% हिस्सा आज ही complete कर दो . चाहे 1 minute पढ़ो , चाहे सिर्फ book खोलो लेकिन आपको सुरुवात आज ही करनी है .
मैं इस बात को समझाने के लिए एक और example देता हूँ . जैसे आपने अपना mind set किया कि कल से पढूंगा . तो कल आपने सबसे पहले अपनी table साफ़ कर दी और अपनी books को अच्छी तरह से लगा दिया और जो आपकी जरुरत की book है उसे अपने table पर रख दी और जो book आपके काम की नहीं है उसे अलमारी में रख दी . ये सब कने का बाद आप पढ़ने बैठ गए और थोड़ी देर पढ़ने के बाद , आपका पढाई में मन नहीं लगा , तो इसमें आपका नुकसान नहीं हुआ . ऐसा करने से आपका बहुत बड़ा फ़ायदा हुआ है क्योंकि आज आपने भुत अच्छे और बड़े काम किये हैं . जो एक अच्छे student को हमेसा करनी चाहिए .
मैं आपको बताता हु की आपने क्या काम किए हैं और उन कामों की value क्या है . सबसे पहला काम आप अपनी जुरत की book अलग कर पाए और जो book आपके काम की नहीं थी उन्हें आप अलग कर पाए . दूसरा काम - आपने अपनी table साफ कर दी . अब आपकी table आपको अपनी ओर attract करेगी पढ़ने के लिए और आपको भी मन लगेगा . अगर आप 5 minute भी पढ़ते हैं तो कुछ न कुछ तो पढ़ा ही होगा . इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना कर पा रहे हैं , फर्क इस बात से पड़ता है कि आपने सुरुवात की या नहीं .
दोस्तों बैठे रहने से न तो आज तक कुछ हुआ है और न ही कभी होगा . जरू ये है कि आप कितना चले . इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप किस जगह और कितनी देर खड़े हुए हो . आपको success के रास्ते में खड़े रहने से success नहीं मिलेगी , आपको उस रास्ते पर एक-एक कदम आगे बढ़ने से success मिलती है , जितिनी कदम आप आगे बढाओगे उतना ही नजदीक आप success की तारक जाओगे .
इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आपके कदम कितने छोटे हैं , की कितने बड़े हैं . आखिर में मैं आपको यही कहूँगा कि अगर आप अपने काम का या target का 1% हिस्सा भी complete कर पाते हो तो उसे miss मत करो .
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